पत्तागोभी छेदक, जिसे पत्तागोभी वेबवर्म या चित्तीदार बॉलवर्म (वैज्ञानिक नाम हेलुला अंडालिस ) के रूप में भी जाना जाता है, एक कीट प्रजाति है जो पत्तागोभी, ब्रोकोली, फूलगोभी, केल और कोहलबी सहित कोल फसलों का एक प्रमुख कीट है। कीट के लार्वा हानिकारक अवस्था में होते हैं, और वे पौधों की पत्तियों, तनों और सिरों में सुरंग बनाकर घुस जाते हैं, जिससे व्यापक क्षति होती है और पैदावार कम हो जाती है।
- संक्रमण का प्रकार: कीट
- सामान्य नाम: पत्तागोभी छेदक कीट
- कारण जीव: हेलुला अंडलिस
- पौधे के प्रभावित भाग: पत्तियाँ, तना और सिर
पहचान:
- वयस्क पतंगे हल्के पीले-भूरे रंग के होते हैं तथा उनके अगले पंखों पर लहरदार धूसर रेखाएं होती हैं।
- लार्वा हल्के सफेद-भूरे रंग के होते हैं जिन पर 4-5 बैंगनी-भूरे रंग की अनुदैर्ध्य धारियां होती हैं।
- अंडे पीले-सफेद और अंडाकार आकार के होते हैं।
कीटों/बीमारियों के लिए पर्यावरणीय अनुकूल कारक:
- तापमान: पत्तागोभी बेधक कीट के विकास के लिए इष्टतम तापमान सीमा 20-30°C (68-86°F) के बीच है। गर्म तापमान से जीवन चक्र में तेजी आती है, जिससे प्रति मौसम में अधिक पीढ़ियाँ होती हैं और समग्र जनसंख्या में वृद्धि होती है।
- आर्द्रता: जबकि अत्यधिक उच्च आर्द्रता लार्वा विकास में बाधा डाल सकती है, मध्यम आर्द्रता का स्तर (50-70%) अंडे देने, अंडे सेने और लार्वा के जीवित रहने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ प्रदान करता है।
कीट/रोग के लक्षण:
- बद्धी: लार्वा पौधों की पत्तियों और तनों पर रेशम के जाल बुनते हैं। यह बद्धी बेधक की उपस्थिति का एक अच्छा संकेतक हो सकती है, भले ही आपने स्वयं लार्वा न देखा हो।
- छेद: लार्वा पौधों की पत्तियों, तनों और सिरों में घुस जाते हैं, जिससे अनियमित आकार के छेद बन जाते हैं। ये छेद छोटे या बड़े हो सकते हैं, और वे फ्रैस (लार्वा का मलमूत्र) से भरे हो सकते हैं।
- मुरझाना: जैसे ही लार्वा पौधे के ऊतकों को खाता है, पौधा मुरझाना शुरू हो सकता है। यह गर्म मौसम में विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है।
- रुका हुआ विकास: यदि संक्रमण गंभीर है, तो पौधे बौने हो सकते हैं और सिर पैदा करने में विफल हो सकते हैं।
- मलिनकिरण: संक्रमित पौधों की पत्तियाँ पीली या भूरी हो सकती हैं, और उन पर भूरे या काले धब्बे हो सकते हैं।
कीट/रोगों पर नियंत्रण के उपाय:
उत्पादों | तकनीकी नाम | खुराक |
EMA 5 | इमामेक्टिन बेंजोएट 5 % एसजी | 80-100 ग्राम प्रति एकड़ |
फ़्लुबेन | फ्लुबेंडियामाइड 39.35 % एससी | 60 मिली/एकड़ |
आकरमक प्लस | नोवालुरोन 5.25% + इंडोक्साकार्ब 4.5% एससी | 2 मिली / लीटर |
क्लोरो 20 | क्लोरोपायरीफॉस 20 % ई.सी. | 500 से 1200 एमएल प्रति एकड़ |
गोभी बोरर नियंत्रण के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q. गोभी बोरर का वैज्ञानिक नाम क्या है?
A. गोभी बोरर का वैज्ञानिक नाम हेलुला अंडालिस है।
Q. गोभी बोरर के संक्रमण का प्रबंधन कैसे करें?
A. अनुशंसित खुराक पर इमामेक्टिन बेंजोएट , फ्लूबेंडियामाइड , नोवालुरोन + इंडोक्साकार्ब या क्लोरपाइरीफोस का उपयोग करें। संक्रमित पौधों को हटा दें और नियमित रूप से फसलों की निगरानी करें।
Q. गोभी बोरर नियंत्रण के लिए सबसे अच्छा कीटनाशक कौन सा है?
A. गोभी बोरर के लिए सबसे अच्छे कीटनाशक इमामेक्टिन बेंजोएट ( EMA 5 ), फ्लुबेंडियामाइड ( फ्लुबेन ), नोवालुरोन + इंडोक्साकार्ब ( आक्रमक प्लस ), और क्लोरपाइरीफोस ( क्लोरो 20 ) हैं।
Q. गोभी बोरर से क्या नुकसान होता है?
A. गोभी छेदक पत्तियों, तनों और सिर में सुरंग बनाता है , जिससे जाल, छेद, मुरझाना, विकास अवरुद्ध होना और रंगहीनता होती है , जिससे उपज कम हो जाती है ।