अगर आप मूंग और उड़द की खेती कर रहे हैं और चाहते हैं कि प्रति एकड़ 5 से 7 क्विंटल तक की उपज मिले, तो यह गाइड आपके लिए है। इसमें हम बताएंगे कि फसल के अलग-अलग चरणों में कौन-कौन से स्प्रे कॉम्बोस इस्तेमाल करने चाहिए, जिससे फसल को रोग, कीट, और वायरस से बचाकर बेहतर फूल और फल मिल सकें।
मूंग और उड़द की फसल में पहला स्प्रे कब और किस दवा से करें?
मूंग और उड़द की फसलों में पहला स्प्रे फसल की बुवाई के 10 से 15 दिन बाद करना चाहिए, जब पौधे का शुरुआती विकास हो रहा होता है। इस समय इल्ली नियंत्रण, रोगों की रोकथाम और बेहतर वृद्धि के लिए एक प्रभावी कॉम्बो देना जरूरी है।
कात्यायनी मूंग और उड़द का पहला स्प्रे कॉम्बो किट
शामिल दवाएं:
- EMA 5 इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी
- हेक्सा 5 प्लस हेक्साकोनाज़ोल 5% एससी
- सीवीड एक्सट्रैक्ट लिक्विड जैविक उर्वरक
लाभ:
- EMA 5: 10 से 40 दिन की अवस्था में लगने वाले इल्ली को मारने के लिए बेस्ट दवा
- हेक्सा 5 प्लस: पत्तियों पर आने वाले धब्बे, उकटा रोग और रस्ट को रोकने के लिए उपयोगी
- सीवीड एक्सट्रैक्ट: बेस्ट फ़र्टिलाइज़र जो जड़ों और शाखाओं की अच्छी वृद्धि के लिए टॉनिक का काम करता है
डोज प्रति एकड़:
- EMA 5: 80-100 ग्राम प्रति/एकड़
- हेक्सा 5 प्लस: 200-250 ml प्रति/एकड़
- सीवीड एक्सट्रैक्ट: 200-250 ml प्रति/एकड़
मूंग और उड़द की फसल में फूल और फली के लिए ज़रूरी स्प्रे
फूल और फल बनने की स्टेज पर किया गया स्प्रे, उपज को सीधा प्रभावित करता है। यही वो समय है जब पौधा अधिक पोषण और हार्मोनल संतुलन चाहता है।
मूंग और उड़द फ्लावरिंग एनहांसर कॉम्बो-फूल और फल के लिए

दवाएं:
- ब्लूम बूस्टर (होमोब्रासिनोलाइड 0.04%)
- मिक्स माइक्रोन्यूट्रिएंट्स
लाभ:
- ब्लूम बूस्टर फूलों की संख्या बढ़ाता है और मूंग की फसल को झड़ने से रोकता है
- माइक्रोन्यूट्रिएंट्स फसल को सूक्ष्म पोषण देकर फूल से फल बनने की प्रक्रिया को तेज करता है और उत्पादन को 3 गुना बढ़ाएं |
डोज प्रति एकड़:
- ब्लूम बूस्टर: 100 ml प्रति/एकड़
- माइक्रोन्यूट्रिएंट्स: 100 ग्राम प्रति/एकड़
पीला मोज़ाइक वायरस (YMV) से बचाव के लिए स्प्रे
पीला मोज़ाइक वायरस, जिसे Yellow Mosaic Virus भी कहा जाता है, सफेद मक्खी के कारण फैलता है और मूंग-उड़द की सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है।
कात्यायनी नो वायरस कॉम्बो - वायरस नियंत्रण के लिए

शामिल दवाएं:
- पाइरॉन पाइरीप्रोक्सीफेन 5% + डायफेनथियूरॉन 25% se
- एंटीवायरस
लाभ:
- पायरोन - सफेद मक्खी के सभी अवस्थाओं पर प्रभावी है (अंडा, निम्फ, एडल्ट)
- एंटीवायरस - पत्तियों के अंदर वायरस के प्रसार को रोकता है
डोज प्रति एकड़:
- पाइरॉन: 400-500 ml
- एंटीवायरस: 500 ml
फली छेदक इल्ली नियंत्रण के लिए स्प्रे
जब फसल में फूल से फल बनने की प्रक्रिया चल रही हो, उस समय एक आम कीट है पॉड बोरर यानी फली छेदक इल्ली।
चौथा स्प्रे - इल्ली और फली छेदक के लिए
दवा:
-
चक्रवीर क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी
लाभ:
- कांटेक्ट और सिस्टमिक एक्शन से इल्ली को तुरंत मारता है
- विशेष रूप से फली छेदक पर प्रभावी
डोज:
- 100-150 ml प्रति एकड़
मूंग और उड़द की फसल में पहली सिंचाई कब करनी चाहिए?
अगर बुवाई के समय पर्याप्त नमी न हो, तो बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें। सामान्यतः पहली सिंचाई बुवाई के 15-20 दिन बाद की जाती है, जब पौधे जमाव की अवस्था में हों।
मूंग और उड़द की फसल में कौन-सी टॉनिक डालनी चाहिए?
शुरुआती विकास के लिए सीवीड एक्सट्रैक्ट, अमिनो एसिड, और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स टॉनिक का उपयोग करें। इससे पौधे की जड़ें, शाखाएं और पत्तियाँ मजबूत बनती हैं और आगे चलकर अच्छा फूल और फल बनता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. मूंग और उड़द की फसल में पहला स्प्रे कौन सी दवा का करें?
पहले स्प्रे के लिए EMA 5 (इल्ली नियंत्रण), हेक्सा 5 प्लस (फंगल रोग नियंत्रण) और सीवीड एक्सट्रैक्ट (विकास टॉनिक) का कॉम्बो सबसे बेहतर माना जाता है।
2. मूंग और उड़द की फसल में पहला स्प्रे कब करना चाहिए?
पहला स्प्रे बुवाई के 10 से 15 दिन बाद करना चाहिए, जब फसल का शुरुआती विकास शुरू हो।
3. उड़द और मूंग की फसल में कौन सी टॉनिक डालनी चाहिए?
सीवीड एक्सट्रैक्ट, अमिनो एसिड और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स आधारित टॉनिक डालनी चाहिए, जिससे पौधों का ग्रोथ अच्छा हो।
4. उड़द और मूंग की फसल में पीला मोज़ाइक वायरस को कैसे रोका जाए?
पायरोन और एंटीवायरस का स्प्रे सफेद मक्खी और पीला मोज़ाइक वायरस दोनों से सुरक्षा देता है।
5. मूंग की फसल में फूल झड़ने की समस्या को कैसे रोकें?
ब्लूम बूस्टर और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का स्प्रे फूलों को झड़ने से बचाता है और फल बनने में मदद करता है
निष्कर्ष
मूंग और उड़द की फसल में समय पर सही स्प्रे और पोषण देने से उत्पादन कई गुना बढ़ाया जा सकता है। ऊपर बताए गए सभी कॉम्बोस को चरणबद्ध तरीके से अपनाएं, और रोगों व कीटों से फसल को बचाकर उच्च गुणवत्ता और अधिक उपज पाएं।