सोयाबीन की खेती में सफलता का आधार सही किस्म का चयन होता है। यदि आप 2025 में सोयाबीन की खेती करने जा रहे हैं, तो यह जानना आवश्यक है कि कौन-कौन सी 2025 की सोयाबीन की किस्में अधिक उत्पादन देने वाली, जल्दी पकने वाली और रोग प्रतिरोधी हैं। इससे आपकी फसल बेहतर होगी और आप अधिक मुनाफा कमा सकेंगे।
सोयाबीन की वैरायटी चयन के लिए महत्वपूर्ण बातें
1. रोग प्रतिरोधक क्षमता
सबसे पहली और जरूरी बात यह है कि आप ऐसी वैरायटी चुनें जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता शानदार हो। पिछले साल मौसम की अनिश्चितता के कारण कई रोग जैसे:
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फ्रॉग आई
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लीफ स्पॉट
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चारकोल रोट
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एरियल लीफ ब्लाइड
फसल को प्रभावित करते हैं। ऐसे में यदि आपकी वैरायटी की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होगी, तो ये रोग आपकी फसल को कम नुकसान पहुंचाएंगे।
2. पकने की अवधि
वैरायटी चुनते समय ध्यान रखें कि उसकी पकने की अवधि 90 से 110 दिन के बीच हो, और अधिकतम 120 दिन तक हो। इससे ज्यादा अवधि वाली वैरायटी न लें। यदि आप मैकेनिकल या कंबाइंड हार्वेस्टर से कटाई करते हैं तो ऐसा चयन करें जो फली जमीन से 1.5 फीट ऊपर बनने लगे और पौधे की लंबाई अच्छी हो ताकि कटाई में समस्या न हो।
3. पुरानी वैरायटी से बचाव
जितनी पुरानी वैरायटी होगी, उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता उतनी कम होती जाएगी। इसलिए पुराने बीजों की बजाय दो से तीन अलग-अलग नई वैरायटियां लगाएं ताकि अगर किसी एक में समस्या आए, तो दूसरी वैरायटी से नुकसान पूरा किया जा सके।
4. उत्पादन क्षमता
उत्पादन क्षमता भी सबसे जरूरी बात है। वैरायटी की न्यूनतम उत्पादन क्षमता कम से कम 8 क्विंटल प्रति एकड़ होनी चाहिए ताकि लागत और मुनाफा संतुलित हो।
2025 में सोयाबीन की प्रमुख किस्में
1. JS 2303
JS 2303 सोयाबीन की एक लोकप्रिय किस्म है जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म अपनी उच्च उपज और रोग प्रतिरोधी क्षमता के लिए किसानों में खास लोकप्रिय है।
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पकने का समय: 93 दिन
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उत्पादन: 70-80 फलियां प्रति पौधा, प्रत्येक फल में 3 दाने
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बीज दर: 30 किलो प्रति एकड़
- विशेषता: रोग प्रतिरोधी, आसानी से कटाई के लिए उपयुक्त
2. KDS 726 (फुले संगम)
KDS 726 (फुले संगम) सोयाबीन की एक उच्च उपज देने वाली किस्म है, जिसे महाराष्ट्र कृषि विज्ञान केंद्र (MAU) ने विकसित किया है। यह किस्म जल्दी पकने वाली और रोगों के प्रति मजबूत प्रतिरोधक क्षमता वाली है, जो सोयाबीन किसान के लिए उपयुक्त है।
पकने का समय: 110-115 दिन
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पौधा: फैलने वाला
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उत्पादन: 15 से 18 क्विंटल प्रति एकड़
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बीज दर: 25 किलो प्रति एकड़
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विशेषता: मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता
3. JS 9560 -
JS 9560 सोयाबीन की एक लोकप्रिय किस्म है जिसे उच्च उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए विकसित किया गया है। यह किस्म किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है क्योंकि यह जल्दी पकने वाली और बेहतर पैदावार देने वाली है
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पकने का समय: 95 दिन
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बीज दर: 30 किलो प्रति एकड़
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विशेषता: लोकप्रिय पुरानी किस्म, मध्यम रोग प्रतिरोधक
4. RVSM 1135
RVSM 1135 सोयाबीन की एक प्रसिद्ध किस्म है जो मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में लोकप्रिय है। यह किस्म जल्दी पकने वाली (अर्ली मैच्योरिंग) और रोग-प्रतिरोधी है, जिससे किसानों को बेहतर उपज और टिकाऊ फसल मिलती है।
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पकने का समय: 105 दिन
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बीज दर: 20-25 किलो प्रति एकड़
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उत्पादन: 14-15 क्विंटल प्रति एकड़
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विशेषता: रोग प्रतिरोधी, उच्च उत्पादन क्षमता
5. NRC 150
NRC 150 सोयाबीन की एक उच्च गुणवत्ता वाली किस्म है, जिसे विशेष रूप से बेहतर उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए विकसित किया गया है। इस किस्म में रसायनिक तत्वों और पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है, जिससे फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है। यह किस्म किसानों के लिए ज्यादा फसल देने वाली और खेती में लाभकारी साबित होती है।
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पकने का समय: 100-110 दिन
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विशेषता: सफेद फूलों वाली नई किस्म, JS 9560 से बेहतर
सोयाबीन की खेती के लिए सुझाव
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उत्तम बीज का चयन करें: 100% प्रमाणित और रोग प्रतिरोधी बीजों का उपयोग करें।
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जल्दी पकने वाली किस्में लगाएं: ताकि कटाई समय पर हो सके।
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बीमारियों से बचाव करें: नियमित तौर पर फसल की निगरानी और रोगनाशक का सही उपयोग करें।
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सही बीज दर अपनाएं: किस्म के अनुसार बीज की मात्रा का ध्यान रखें।
अधिक पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. सोयाबीन की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
JS 2303 और KDS 726 को 2025 की सबसे अच्छी और उच्च उत्पादन देने वाली किस्में माना जाता है।
2. सोयाबीन की कितनी किस्में होती हैं?
भारत में मुख्य रूप से लगभग 5 से 6 प्रमाणित किस्में खेती के लिए लोकप्रिय हैं।
3. 2172 सोयाबीन किस प्रकार की किस्म है और कितने दिन में पकती है?
यह एक मीडियम मॅच्योरिटी किस्म है, जो लगभग 110 से 115 दिन में पकती है।
4. RVSM 1135 किस्म कितने दिन में पकती है?
यह किस्म लगभग 105 दिन में पकती है।
6. सोयाबीन की किस्मों में रोग प्रतिरोधक क्षमता क्यों जरूरी है?
यह फसल को प्रमुख रोगों से बचाती है जिससे उत्पादन कम नहीं होता और फसल स्वस्थ रहती है।
7. किस प्रकार की मिट्टी सोयाबीन के लिए उत्तम होती है?
हल्की दोमट से मध्यम मिट्टी, जो जल निकासी अच्छी हो, सोयाबीन के लिए सबसे उपयुक्त है।
8. सोयाबीन की फसल में बीज की सही मात्रा क्या होती है?
बीज की मात्रा किस्म के आधार पर लगभग 20 से 30 किलो प्रति एकड़ होती है।
निष्कर्ष
यदि आप सोयाबीन की नई वैरायटी की तलाश में हैं, तो 2025 के लिए उपयुक्त उच्च उत्पादन देने वाली और रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें। ये किस्में न केवल फसल की गुणवत्ता बढ़ाती हैं बल्कि आपकी खेती को आर्थिक रूप से भी लाभदायक बनाती हैं।
सही बीज, सही खेती और सही देखभाल से आप 2025 में सोयाबीन की खेती में बेहतर परिणाम पा सकते हैं।