सिर्फ एक स्प्रे से खत्म करें इल्ली और पत्ती मरोड़ जैसी बड़ी समस्याएं

इल्ली और पत्ती मरोड़ की समस्या? एक स्प्रे में पाएं समाधान

जिन किसानों ने मूंग की अगेती बुवाई की है, उनकी फसल अब फूल आने की अवस्था में पहुँच चुकी है। इस समय फसल 25 से 35 दिन की हो जाती है और इसी अवस्था में फसल पर सबसे ज्यादा हमले होते हैं - इल्ली का अटैक, फूल झड़ने की समस्या और फफूंद रोग। इन दुश्मनों को यदि आप एक ही स्प्रे में कंट्रोल कर लें, तो फसल की बचत के साथ उपज में जबरदस्त उछाल मुमकिन है।

मूंग की अगेती बुवाई

मूंग की फसल में इल्ली का प्रकोप (Caterpillar Infestation)

इल्ली का हमला मूंग के पौधों पर बुरी तरह असर डालता है। ये न केवल फूल और फलियों को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि पूरी फसल को चौपट कर सकती हैं।

कौन-कौन सी इल्लियाँ मूंग में लगती हैं?

  • मारूका इल्ली (Maruca vitrata): फूलों और फलियों के अंदर घुसकर जाले बनाती है और उन्हें खराब कर देती है।
  • तंबाकू इल्ली (Spodoptera litura): पत्तियाँ खा जाती है, खासकर रात में ज़्यादा सक्रिय रहती है।
  • फल्ली छेदक इल्ली (Pod Borer): फलियों के अंदर जाकर दानों को खा जाती है, जिससे फसल की क्वालिटी और वजन दोनों घटते हैं।

इल्ली लगने के लक्षण:

  • पत्तियों के किनारे कटा हुआ दिखता है।
  • फलियों में छोटे-छोटे छेद।
  • पौधों में जाले दिखाई देते हैं।
  • फूल गिरने लगते हैं या समय से पहले सूख जाते हैं।

प्रभाव:

  • फूल और फलियाँ बनने की प्रक्रिया रुक जाती है।
  • 30-50% तक उत्पादन घट सकता है।
  • पौधा कमजोर होकर विकास करना बंद कर देता है।

मूंग में इल्ली मरने की दवा -

मूंग में इल्ली मरने की दवा

चक्रवीर क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी कीटनाशक

  • मात्रा: 60 ml प्रति एकड़
  • सुरक्षा: 20 दिनों तक इल्लियों से पूरी सुरक्षा
  • स्प्रे समय: सुबह जल्दी या शाम को स्प्रे करें, ताकि असर ज्यादा हो।

मूंग की फसल में पत्ती मरोड़ रोग (Leaf Curl Disease)

पत्ती मरोड़ एक वायरल रोग है जो फसल को धीरे-धीरे बर्बाद कर देता है - और सबसे बड़ी बात, किसान इसे समय पर पहचान नहीं पाता।

रोग कैसे फैलता है?

यह रोग थ्रिप्स और सफेद मक्खी (Whitefly) जैसे कीड़ों से फैलता है। एक संक्रमित पौधे से पूरे खेत में फैलने में ज्यादा समय नहीं लगता।

लक्षण पहचानें:

  • पत्तियाँ किनारे से मुड़कर कप जैसी हो जाती हैं।
  • नई पत्तियाँ आनी बंद हो जाती हैं।
  • पत्तियाँ पीली होकर गिर जाती हैं।
  • फूल कम आते हैं, और दाने अधूरे रह जाते हैं।

असर:

  • पौधे की फोटोसिंथेसिस रुक जाती है।
  • फलियाँ बनने की प्रक्रिया पर असर पड़ता है।
  • उत्पादन में भारी गिरावट आती है।

समाधान:

थ्रिप्स और सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए:

IMD 178 | इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एसएल कीटनाशक

  • मात्रा: 80-100 ml प्रति एकड़

नई पत्तियों और फूलों की वृद्धि के लिए:

ब्लूम बूस्टर होमोब्रासिनोलाइड 0.04% प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर

  • मात्रा: 100 ml प्रति एकड़

ब्लूम बूस्टर होमोब्रासिनोलाइड 0.04% प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर

टिप:

बीमारी की शुरुआत में ही स्प्रे करें - देरी करने पर नुकसान तय है।

मूंग के लिए परफेक्ट कॉम्बिनेशन स्प्रे प्लान

एक ऐसा स्प्रे शेड्यूल जो इल्ली, थ्रिप्स, सफेद मक्खी, और पत्ती मरोड़ - इन सभी समस्याओं को एक साथ खत्म कर सकता है:

प्रोडक्ट

मात्रा प्रति एकड़

काम

चक्रवीर क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी

60 ml

सभी प्रकार की इल्लियाँ

इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एसएल

80-100 ml

थ्रिप्स और सफेद मक्खी का नियंत्रण

ब्लूम बूस्टर होमोब्रासिनोलाइड 0.04% प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर

100 ml

फूल और दाने बढ़ाने वाला टॉनिक

एज़ोज़ोल फफूंदनाशी एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 18.2% + डिफेनोकोनाज़ोल 11.4% एससी

200 ml

पत्ती धब्बा, एन्थ्रक्नोज, पाउडर रूपी फफूंद

मूंग की फसल और उसके रोगों के बारे में

प्र. मूंग में इल्ली नियंत्रण के लिए कौन सी दवा सबसे प्रभावी है?

मूंग की इल्ली के नियंत्रण के लिए EMA 5 इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी, स्पिनोसैड 45% SC, और जैविक विकल्प जैसे प्रभावी दवाएँ मानी जाती हैं।

प्र. पत्ती मरोड़ रोग के लिए कौन सी जैविक दवा उपयोग करें?

Broad Spectrum Organic Virucide और डॉ. नीम 10000 जैसे जैविक उत्पाद पत्ती मरोड़ रोग को प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

प्र. मूंग की फसल में रोग और कीट दोनों के लिए एक साथ कौन सी स्प्रे करें?

मूंग की फसल में रोग और कीट नियंत्रण के लिए Combo Pack जिसमें Fungicide + Insecticide हो, जैसे कि कात्यायनी मूंग और उड़द का पहला स्प्रे कॉम्बो किट, एक साथ समाधान प्रदान कर सकते हैं।

प्र. मूंग की फसल में सबसे ज्यादा कौन-कौन से रोग लगते हैं?

मूंग की फसल में आमतौर पर पत्ती मरोड़ रोग, पाउडरी मिल्ड्यू, झुलसा रोग, रूट रॉट, फली छेदक इल्ली, और Anthracnose जैसे रोग लगते हैं।

प्र. मूंग की फसल में पत्ती पीली क्यों पड़ती है?

मूंग की पत्तियाँ पीली पड़ने का कारण Yellow Mosaic Virus (YMV) हो सकता है, जो सफेद मक्खी के माध्यम से फैलता है। यह रोग यदि समय पर नियंत्रित न किया जाए तो पूरी फसल को नुकसान पहुँचा सकता है।

प्र. मूंग की फसल में रोग लगने से बचाव के लिए क्या करें?

मूंग की फसल में रोग लगने से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधी बीज का चयन, समय पर निराई-गुड़ाई, सफेद मक्खी और कीटों की निगरानी, और समय पर दवा छिड़काव करना जरूरी है।

प्र. मूंग में पत्ती मरोड़ रोग के लक्षण क्या होते हैं?

मूंग की नई पत्तियाँ मुड़ने लगती हैं, उनका रंग हल्का पीला हो जाता है और पौधे की बढ़वार रुक जाती है।

प्र. मूंग में पत्ती मरोड़ रोग से कैसे बचाव करें?

सफेद मक्खी की रोकथाम के लिए कीटनाशक छिड़काव करें, साथ ही रोगग्रस्त पौधों को तुरंत हटा दें और खेत की साफ-सफाई बनाए रखें।

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